Madhu Arora

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कयामत से कयामत तक

कयामत से कयामत तक,
दुआ रब से मैं मांगती हूं।
आशीष तेरा मिलता रहे,
 शीश हरदम झुकाती हूँ।
 
कृपा तेरी मिलती रहे,
लगे बहारों के मेले।
मंजिल सदा मिलती रहे,
बस दुआ यह मांगती हूं।

दुआ मिलने लगी जबसे हमें।
 फिजा भी रंगीन लगती है,
 गुलिस्ता  महकता है मेरा 
 खुशियां आंगन में खिलती है।

नजर लगे कैसे बता,
जब साथ मेरे ईश्वर है।
हर बुराई अच्छाई लगे,
हाथ थाम वह जो चले।

सिर मेरा हरदम है झुकता,
ध्यान सदा मेरा  हे रखता।
हर काम पूरे वह करता,
कयामत तक साथ देता ईश्वर है।
            रचनाकार ✍️
            मधु अरोरा
          19.2.2023


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7 Comments

Renu

20-Feb-2023 08:18 PM

👍👍🌺

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Gunjan Kamal

20-Feb-2023 11:42 AM

शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻

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Punam verma

20-Feb-2023 07:55 AM

Very nice

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